यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण
परिचय:
फ्रांसीसी क्रांति के बाद यूरोप में राष्ट्रवाद की जो लहर शुरू हुई, वह 19वीं सदी में धीरे-धीरे मजबूत होती गई । 1815 में जब नेपोलियन की हार हुई, तब यूरोप के शासकों ने सोचा कि वे पुरानी राजशाही व्यवस्था को वापस ला सकते हैं। लेकिन इतिहास कभी पीछे नहीं जाता।
इस दौरान यूरोपीय समाज में बड़े बदलाव हो रहे थे। पुराना कुलीन वर्ग अपनी ताकत खोने लगा था और एक नया मध्यम वर्ग उभर रहा था। नए विचार - उदारवाद और राष्ट्रवाद - तेजी से फैल रहे थे। इस chapter में हम समझेंगे कि कैसे इन विचारों ने यूरोप को बदलना शुरू किया।
यूरोपीय समाज की संरचना: कुलीन वर्ग का प्रभुत्व
कुलीन वर्ग (Aristocracy) कौन थे?
19वीं सदी की शुरुआत में यूरोप में सबसे शक्तिशाली वर्ग कुलीन वर्ग था । यह समाज का सबसे छोटा हिस्सा था - पूरी आबादी का केवल 5-7% - लेकिन इसके हाथों में लगभग सारी शक्ति थी।
कुलीन वर्ग की विशेषताएं:
· विशाल जमीनों के मालिक (estates)
· वंशानुगत उपाधियां (Duke, Baron, Count)
· राजनीतिक सत्ता पर नियंत्रण
· किसानों से कर और tax वसूलने का अधिकार
· शानदार महलों में रहते थे
एक यूरोपीय पहचान
सबसे दिलचस्प बात यह थी कि पूरे यूरोप के कुलीन वर्ग की एक साझा संस्कृति थी। Britain का Duke हो या Poland का Count, सब आपस में जुड़े थे:
· भाषा: सभी फ्रेंच भाषा बोलते थे (अपने देश की भाषा के बजाय)
· शादियां: विभिन्न देशों के कुलीन परिवारों में वैवाहिक संबंध
· जीवन शैली: समान तरीके का खान-पान, कपड़े, शिष्टाचार
· शिक्षा: एक जैसी शिक्षा और संस्कार
उदाहरण: ऑस्ट्रिया की महारानी Marie Antoinette फ्रांस के राजा से विवाह करके France चली गई थीं। यह कुलीन वर्ग के अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव का उदाहरण है ।
मध्यम वर्ग का उदय (Rise of Middle Class)
नया सामाजिक समूह
18वीं और 19वीं सदी में औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण एक नया वर्ग पैदा हुआ - मध्यम वर्ग (Middle Class या Bourgeoisie)। यह न तो कुलीन वर्ग था, न ही मजदूर-किसान वर्ग।
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पहलू |
कुलीन वर्ग |
मध्यम वर्ग |
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संपत्ति का स्रोत |
विरासत में मिली जमीन |
व्यापार, उद्योग, पेशा |
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शिक्षा |
परंपरागत, घरेलू |
आधुनिक स्कूल और विश्वविद्यालय |
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मूल्य |
परंपरा, वंश, शान |
योग्यता, कड़ी मेहनत, व्यक्तिगत स्वतंत्रता |
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राजनीतिक अधिकार |
सभी अधिकार |
अधिकार नहीं (लेकिन मांग बढ़ रही थी) |
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भाषा |
फ्रेंच |
अपनी राष्ट्रीय भाषा |
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय: फ्रांसीसी क्रांति और राष्ट्र का विचार - कक्षा 10 NCERT Notes.
मध्यम वर्ग में कौन शामिल थे?
शिक्षित पेशेवर:
· वकील, डॉक्टर, शिक्षक
· इंजीनियर और वास्तुकार
· प्रोफेसर और लेखक
व्यापारी और उद्योगपति:
· फैक्ट्री मालिक
· बड़े व्यापारी
· बैंकर और निवेशक
सरकारी कर्मचारी:
· नौकरशाही में काम करने वाले
· लिपिक और प्रशासक
मध्यम वर्ग क्यों महत्वपूर्ण था?
यह वर्ग आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा था लेकिन राजनीतिक रूप से शक्तिहीन था। इसलिए यही वर्ग उदारवादी राष्ट्रवाद का मुख्य समर्थक बना ।
उदारवाद (Liberalism) की अवधारणा
उदारवाद का अर्थ
"Liberalism" शब्द लैटिन के "liber" (स्वतंत्र) से आया है। उदारवाद एक नया राजनीतिक और आर्थिक विचार था जो 19वीं सदी में यूरोप में फैला।
राजनीतिक उदारवाद के सिद्धांत
1. व्यक्तिगत स्वतंत्रता:
· विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
· धार्मिक स्वतंत्रता
· कानून के समक्ष समानता
2. संवैधानिक सरकार:
· राजा की शक्तियां सीमित होनी चाहिए
· संविधान पर आधारित शासन
· शक्तियों का बंटवारा (Legislature, Executive, Judiciary)
3. प्रतिनिधि सरकार:
· निर्वाचित संसद
· जनता का प्रतिनिधित्व
· जवाबदेह सरकार
महत्वपूर्ण सीमा: 19वीं सदी के उदारवादी सार्वभौमिक मताधिकार में विश्वास नहीं करते थे। उनका मानना था कि केवल संपत्ति वाले पुरुषों को ही वोट का अधिकार होना चाहिए। महिलाओं, मजदूरों और गरीबों को यह अधिकार नहीं मिलना चाहिए।
आर्थिक उदारवाद
आर्थिक मामलों में उदारवादी चाहते थे:
1. मुक्त बाजार (Free Market):
· सरकारी हस्तक्षेप कम से कम
· व्यापार की स्वतंत्रता
· निजी संपत्ति का अधिकार
2. व्यापार अवरोधों को हटाना:
· सीमा शुल्क समाप्त करना
· आंतरिक व्यापार में आसानी
· विभिन्न क्षेत्रों के बीच मुक्त व्यापार
3. एक समान आर्थिक व्यवस्था:
· पूरे देश में एक currency
· एक जैसी माप-तौल प्रणाली
· समान कानून और नियम
व्यावहारिक उदाहरण: जर्मनी में 39 अलग-अलग राज्य थे। एक व्यापारी को सामान ले जाने में 11 सीमा शुल्क देने पड़ते थे। 1834 में Prussia के नेतृत्व में Zollverein (customs union) बनाया गया जिसने कई राज्यों के बीच सीमा शुल्क खत्म किया ।
Vienna Congress (1815) और रूढ़िवाद की वापसी
नेपोलियन की हार के बाद
1815 में Waterloo के युद्ध में नेपोलियन की हार हुई। यूरोप के सभी बड़े शासक Vienna (ऑस्ट्रिया) में एकत्रित हुए। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था - यूरोप में शांति और व्यवस्था बहाल करना।
Vienna Congress के मुख्य नेता:
· Duke Metternich (ऑस्ट्रिया का चांसलर) - सबसे प्रभावशाली
· Tsar Alexander I (रूस)
· King Frederick William III (Prussia)
· Lord Castlereagh (Britain)
· Talleyrand (France)
Vienna Congress के निर्णय
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निर्णय |
उद्देश्य |
परिणाम |
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Bourbon राजवंश की बहाली |
फ्रांस में पुरानी राजशाही |
Louis XVIII राजा बना |
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शक्ति संतुलन |
कोई देश बहुत शक्तिशाली न बने |
यूरोप को फिर से बांटा गया |
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फ्रांस की सीमाओं को छोटा करना |
फ्रांस को कमजोर करना |
नेपोलियन द्वारा जीते इलाके वापस लिए |
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रूढ़िवादी राजतंत्र |
क्रांति को रोकना |
पुरानी व्यवस्था वापस |
रूढ़िवाद (Conservatism) क्या था?
Vienna Congress के बाद जो विचारधारा स्थापित हुई उसे रूढ़िवाद (Conservatism) कहते हैं ।
रूढ़िवादी विचार:
· परंपरागत संस्थाओं (राजशाही, चर्च) को बनाए रखना
· जल्दबाजी में बदलाव खतरनाक है
· सामाजिक पदानुक्रम (hierarchy) जरूरी है
· राजा का शासन ईश्वरीय अधिकार है
· क्रांति और विद्रोह को कुचलना चाहिए
लेकिन आधुनिकता की स्वीकृति: Vienna Congress के बाद के रूढ़िवादी पूरी तरह पुराने नहीं थे। वे समझते थे कि कुशल प्रशासन, आधुनिक सेना और मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए कुछ सुधार जरूरी हैं।
क्रांतिकारी और गुप्त संगठन
Vienna व्यवस्था के खिलाफ विरोध
Vienna Congress की रूढ़िवादी व्यवस्था से यूरोप का युवा शिक्षित वर्ग बहुत नाराज था। लेकिन खुलकर विरोध करना खतरनाक था - Metternich ने कड़ी सेंसरशिप लगाई थी।
इसलिए गुप्त क्रांतिकारी संगठन बने:
इटली:
· Carbonari (कोयला जलाने वाले) - सबसे प्रसिद्ध गुप्त संगठन
जर्मनी:
· Burschenschaft - विश्वविद्यालय के छात्रों का संगठन
फ्रांस:
· विभिन्न गुप्त समाजें और क्लब
ये संगठन:
· रात में गुप्त बैठकें करते थे
· क्रांतिकारी साहित्य छापते थे
· संविधान और स्वतंत्रता की मांग करते थे
· राष्ट्रीय एकता के लिए काम करते थे
Giuseppe Mazzini - क्रांति का प्रतीक
Mazzini कौन थे?
Giuseppe Mazzini (1807-1872) एक इतालवी क्रांतिकारी, लेखक और राष्ट्रवादी नेता थे । उन्हें "इतालवी एकीकरण का जनक" भी कहा जाता है।
Mazzini का जीवन:
· जन्म: Genoa, इटली में
· पेशा: वकील और लेखक
· 1831 में Carbonari से निकाले गए
· अधिकांश जीवन निर्वासन में बिताया
· मृत्यु: 1872 में
Young Italy (1831)
1831 में Mazzini ने "Young Italy" नामक संगठन बनाया। यह केवल एक गुप्त संगठन नहीं बल्कि एक विचारधारा थी।
Young Italy के उद्देश्य:
· इटली को एकीकृत करना
· गणतांत्रिक सरकार स्थापित करना (राजशाही का अंत)
· विदेशी शासन (ऑस्ट्रिया) से मुक्ति
· युवाओं को क्रांति में शामिल करना
Mazzini के विचार:
· राष्ट्र ईश्वर की देन है
· प्रत्येक राष्ट्र को स्वतंत्र होना चाहिए
· राष्ट्र लोगों की इच्छा से बनता है, राजाओं के युद्ध से नहीं
· युवा ही परिवर्तन ला सकते हैं
Young Europe (1834)
Mazzini ने "Young Europe" भी बनाया। इसमें शामिल थे:
· Young Italy
· Young Germany
· Young Poland
· Young Switzerland
यह यूरोपीय क्रांतिकारियों का अंतर्राष्ट्रीय संगठन था।
Metternich की प्रतिक्रिया: ऑस्ट्रिया के चांसलर Metternich ने Mazzini को "यूरोप के लिए सबसे खतरनाक व्यक्ति" कहा था। यह Mazzini के प्रभाव को दर्शाता है।
निष्कर्ष
1815 के बाद यूरोप में दो विरोधी शक्तियां आमने-सामने थीं। एक ओर रूढ़िवादी ताकतें (राजा, कुलीन वर्ग) जो पुरानी व्यवस्था को बनाए रखना चाहती थीं। दूसरी ओर उदारवादी और राष्ट्रवादी (मध्यम वर्ग, शिक्षित युवा) जो बदलाव चाहते थे ।
Vienna Congress ने भले ही पुरानी व्यवस्था वापस लाने की कोशिश की, लेकिन क्रांति के विचारों को रोका नहीं जा सका। मध्यम वर्ग तेजी से बढ़ रहा था और उदारवाद के विचार फैल रहे थे। Mazzini जैसे क्रांतिकारी गुप्त रूप से संगठन बना रहे थे।
यह तनाव जल्द ही विस्फोट में बदलने वाला था - 1830 और 1848 में पूरे यूरोप में क्रांतियां होंगी जिनके बारे में हम अगले भाग में पढ़ेंगे।
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