संविधान निर्माण: भारत के सर्वोच्च कानून की रचना की कहानी
परिचय:
नमस्कार, भावी अधिकारियों और प्रतियोगी छात्रों! यदि आप UPSC, SSC, रेलवे, या Delhi Police जैसी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो भारतीय संविधान (Indian Constitution) एक ऐसा विषय है जो हर पाठ्यक्रम की रीढ़ है। पर क्या आप जानते हैं कि यह विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान कैसे बना? इसकी रचना की प्रक्रिया क्या थी?
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसे बनाने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। यह 26 नवंबर 1949 को पूर्ण हुआ और 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू हुआ। संविधान निर्माण की यह यात्रा बेहद रोचक और महत्वपूर्ण है, जो हर competitive exam की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए जरूरी है।
इस ब्लॉग में हम संविधान निर्माण की पूरी प्रक्रिया को आसान भाषा में समझेंगे। यहां आपको संविधान सभा, महत्वपूर्ण समितियां, प्रमुख व्यक्तित्व और संविधान की विशेषताओं की विस्तृत जानकारी मिलेगी।
Table of Contents
संविधान सभा का गठन
संविधान बनाने के लिए सबसे पहले एक ऐसी संस्था की जरूरत थी जो पूरे देश का प्रतिनिधित्व करे। यहीं से संविधान सभा (Constituent Assembly) की अवधारणा सामने आई।
कैबिनेट मिशन योजना 1946 के तहत भारतीय संविधान सभा का गठन हुआ। इस योजना में ब्रिटिश सरकार के तीन मंत्री भारत आए थे - लॉर्ड पेथिक लॉरेंस, सर स्टेफर्ड क्रिप्स और ए.वी. अलेक्जेंडर।
अर्थशास्त्र मुख्य रूप
से इस बात का अध्ययन
करता है कि: लोग क्या उत्पादन
करते हैं? , कैसे उत्पादन
करते हैं? , किसके लिए
उत्पादन करते हैं?
संविधान सभा की प्रमुख विशेषताएं:
1. सदस्यों का चुनाव: संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से हुआ। प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों ने इन सदस्यों को चुना। यह सार्वभौमिक मताधिकार (सीधे चुनाव) से नहीं चुनी गई थी।
2. कुल सीटें: कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार कुल 389 सदस्य होने थे। इनमें से 292 ब्रिटिश भारत के 11 प्रांतों से, 93 देशी रियासतों से और 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों (दिल्ली, अजमेर-मेरवाड़ा, कुर्ग, ब्रिटिश बलूचिस्तान) से थे।
3. मुस्लिम लीग और बहिष्कार: मुस्लिम लीग ने एक अलग संविधान सभा (पाकिस्तान के लिए) की मांग की और इस संविधान सभा के बहिष्कार का फैसला किया। इसलिए शुरुआती बैठकों में मुख्य रूप से कांग्रेस के सदस्य ही शामिल हुए।
4. संविधान सभा का पहला सत्र: 9 दिसंबर 1946
5. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष: डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा
6. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
उदाहरण के लिए: मान लीजिए आपको एक नए स्कूल का 'नियम पुस्तिका' बनानी है। सबसे पहले आप सभी कक्षाओं (प्रांतीय विधानसभाओं) से कुछ प्रतिनिधि (संविधान सभा सदस्य) चुनते हैं, जो मिलकर ये नियम बनाएंगे। यही संविधान सभा थी।
संविधान सभा के महत्वपूर्ण सदस्य
|
क्रम संख्या |
नाम |
पद/भूमिका |
|
1 |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
संविधान सभा के अध्यक्ष |
|
2 |
डॉ. बी.आर. अंबेडकर |
संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष |
|
3 |
पंडित जवाहरलाल नेहरू |
उद्देश्य प्रस्ताव के प्रस्तावक |
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4 |
सरदार वल्लभभाई पटेल |
मूल अधिकार उप-समिति के अध्यक्ष |
|
5 |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
संविधान सभा के अध्यक्ष |
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6 |
बी.एन. राव |
संवैधानिक सलाहकार |
|
7 |
के.एम. मुंशी |
प्रारूप समिति के सदस्य |
उद्देश्य प्रस्ताव
13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया। इसे 22 जनवरी 1947 को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। यह प्रस्ताव भारतीय संविधान की आत्मा माना जाता है।
उद्देश्य प्रस्ताव की मुख्य बातें:
· भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु गणराज्य होगा
· सभी नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता मिलेगी
· अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों और जनजातियों के हितों की रक्षा होगी
· भारत विश्व शांति में योगदान देगा
संविधान निर्माण की प्रक्रिया
संविधान बनाने में तीन वाचन (Readings) हुए:
पहला वाचन
4 नवंबर 1948 से 9 नवंबर 1948 तक पहला वाचन हुआ। इसमें संविधान के मसौदे पर सामान्य चर्चा हुई।
दूसरा वाचन
15 नवंबर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक दूसरा वाचन चला। यह सबसे लंबा वाचन था। इसमें हर अनुच्छेद पर विस्तार से चर्चा हुई और संशोधन किए गए।
तीसरा वाचन
14 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949 तक तीसरा और अंतिम वाचन हुआ। इसमें पूरे संविधान पर अंतिम मतदान हुआ।
महत्वपूर्ण तिथियां:
· संविधान सभा की पहली बैठक: 9 दिसंबर 1946
· उद्देश्य प्रस्ताव पारित: 22 जनवरी 1947
· प्रारूप समिति का गठन: 29 अगस्त 1947
· संविधान का पहला प्रारूप प्रस्तुत: 21 फरवरी 1948
· संविधान को अंगीकार किया गया: 26 नवंबर 1949
· संविधान लागू हुआ: 26 जनवरी 1950
संविधान सभा के सत्र
संविधान सभा ने कुल 11 सत्रों में 165 दिन बैठकें कीं। इसमें से:
· संविधान निर्माण पर चर्चा: 114 दिन
· अन्य कार्यों में: 51 दिन
सत्रों का विवरण:
|
सत्र संख्या |
समय अवधि |
प्रमुख कार्य |
|
पहला सत्र |
9-23 दिसंबर 1946 |
संविधान सभा की शुरुआत |
|
दूसरा सत्र |
20-25 जनवरी 1947 |
उद्देश्य प्रस्ताव पारित |
|
ग्यारहवां सत्र |
14-26 नवंबर 1949 |
संविधान को अंगीकृत किया |
संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण समितियां
संविधान निर्माण के लिए कई समितियां बनाई गईं। हर समिति का अपना विशेष काम था।
प्रमुख समितियां और उनके अध्यक्ष
|
समिति का नाम |
अध्यक्ष |
कार्य |
|
प्रारूप समिति |
डॉ. बी.आर. अंबेडकर |
संविधान का मसौदा तैयार करना |
|
संघ शक्ति समिति |
पंडित जवाहरलाल नेहरू |
केंद्र और राज्यों की शक्तियां तय करना |
|
संघीय संविधान समिति |
पंडित जवाहरलाल नेहरू |
संघीय व्यवस्था पर सुझाव |
|
प्रांतीय संविधान समिति |
सरदार वल्लभभाई पटेल |
प्रांतों के संविधान की रूपरेखा |
|
मूल अधिकार उप-समिति |
जे.बी. कृपलानी |
नागरिकों के मूल अधिकारों की सूची |
|
राज्य समिति |
पंडित जवाहरलाल नेहरू |
देशी रियासतों के मामले |
|
संचालन समिति |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
संविधान सभा का संचालन |
उदाहरण: प्रारूप समिति में 7 सदस्य थे - डॉ. अंबेडकर (अध्यक्ष), एन. गोपालस्वामी अय्यंगार, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, के.एम. मुंशी, सैयद मोहम्मद सादुल्ला, एन. माधव राव और डी.पी. खेतान।
प्रारूप समिति की भूमिका
29 अगस्त 1947 को प्रारूप समिति का गठन हुआ। डॉ. बी.आर. अंबेडकर को इसका अध्यक्ष बनाया गया। इसी वजह से उन्हें "संविधान के पिता" कहा जाता है।
प्रारूप समिति का काम:
· संविधान का पहला मसौदा तैयार करना
· विभिन्न समितियों की रिपोर्ट पर विचार करना
· संविधान के प्रावधानों को अंतिम रूप देना
· संशोधनों पर विचार करना
संविधान सभा के प्रमुख पदाधिकारी
ये वे लोग थे जिन्होंने इस विशाल प्रक्रिया को संचालित किया।
· डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा: पहले अस्थायी अध्यक्ष (11 दिसंबर 1946)। वरिष्ठता के आधार पर चुने गए।
· डॉ. राजेंद्र प्रसाद: संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष (11 दिसंबर 1946 के बाद)। बाद में भारत के पहले राष्ट्रपति बने।
· एच. वी. आर. आयंगर: संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार। उन्होंने तकनीकी सहायता प्रदान की।
· बी. एन. राव: संविधान सभा के सचिव। उन्होंने प्रशासनिक कार्य संभाला।
संविधान का मसौदा, बहस और अंतिम स्वरूप
· मसौदा तैयारी: डॉ. आंबेडकर की अगुआई वाली मसौदा समिति ने फरवरी 1948 में संविधान का प्रारूप (Draft) तैयार किया।
· जनता की प्रतिक्रिया: इस मसौदा को जनता के लिए खोल दिया गया ताकि लोग सुझाव दे सकें। लगभग 8 महीने तक चली इस प्रक्रिया में 2,000 से ज्यादा संशोधन प्रस्ताव आए।
· विस्तृत बहस: नवंबर 1948 से नवंबर 1949 के बीच, संविधान सभा ने इस मसौदे पर विस्तार से बहस की। हर अनुच्छेद, हर शब्द पर चर्चा हुई।
· तीन पढ़ना (Three Readings): बिल की तरह, संविधान के मसौदे को भी तीन बार पढ़ा गया और हर बार उस पर चर्चा हुई।
अंतिम स्वीकृति और लागू होना
|
तिथि |
ऐतिहासिक निर्णय |
क्या हुआ? |
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26 नवंबर 1949 |
संविधान अपनाया गया (Adopted & Enacted) |
संविधान सभा ने अंतिम रूप से संविधान को पारित और अंगीकृत कर दिया। इसीलिए 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' मनाया जाता है। ध्यान रहे, इस दिन यह पूरी तरह लागू नहीं हुआ था। |
|
24 जनवरी 1950 |
अंतिम हस्ताक्षर और राष्ट्रगान अपनाया गया |
संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संविधान के दो हस्ताक्षरित प्रतियों (हिंदी और अंग्रेजी) पर हस्ताक्षर किए। इसी दिन 'जन-गण-मन' को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया। |
|
24 जनवरी 1950 |
संविधान लागू हुआ (Came into Force) |
संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया। भारत एक संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य बना। डॉ. राजेंद्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति बने। 26 जनवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन पूर्ण स्वराज दिवस (Complete Independence Day) मनाया गया था। |
उदाहरण: एक नया मोबाइल ऐप बनता है। डेवलपर्स इसे फाइनल करके रिलीज कर देते हैं (26 नवंबर)। फिर उसका लॉन्च इवेंट होता है, जहाँ सभी इसे डाउनलोड कर सकते हैं और यह पूरी तरह काम करने लगता है (26 जनवरी)
।
वित्त आयोग (Finance Commission) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में
Adoption, Enactment & Commencement (स्वीकार, प्रवर्तित, लागू):
|
Adopted (स्वीकार) : संविधान सभा ने संविधान को मंज़ूर किया (26 Nov 1949) |
|
Enacted (प्रवर्तित) : इसे औपचारिक रूप से राष्ट्र की पुस्तक घोषित किया गया Commenced (लागू) : संविधान देश में लागू हुआ (26 Jan 1950)
भारत के पर्वत और पर्वत श्रृंखला. ( परिचय, पर्वतों का महत्व, महत्वपूर्ण बिंदु, महत्वपूर्ण तथ्य) |
निष्कर्ष
भारतीय संविधान निर्माण एक ऐतिहासिक प्रक्रिया थी। संविधान सभा के 299 सदस्यों ने 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन की मेहनत से यह अद्भुत दस्तावेज तैयार किया। डॉ. अंबेडकर की अध्यक्षता में बनी प्रारूप समिति ने विश्व के विभिन्न संविधानों का अध्ययन कर भारत के लिए सबसे उपयुक्त संविधान बनाया।
यह संविधान न केवल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय भी सुनिश्चित करता है। UPSC, SSC, Railway, Delhi Police जैसी परीक्षाओं में इस टॉपिक से नियमित रूप से प्रश्न पूछे जाते हैं।
रॉलेट एक्ट 1919 – सम्पूर्ण जानकारी (Rowlatt Act in Hindi)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1.
भारत का संविधान किसने बनाया?
A. संविधान सभा ने,
जिसमें 389 सदस्य थे।
Q2.
संविधान सभा का अध्यक्ष कौन था?
A. डॉ. राजेंद्र
प्रसाद।
Q3.
Drafting Committee के अध्यक्ष कौन थे?
A. डॉ. भीमराव आंबेडकर।
Q4.
संविधान कब अपनाया गया और कब लागू हुआ?
A. 26 नवंबर 1949 को
अपनाया गया, 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
Q5.
संविधान बनने में कितना समय लगा?
A. 2 साल 11 महीने 18
दिन।
Q6.
सबसे महत्वपूर्ण समिति कौन-सी थी?
A. Drafting Committee।
Q7.
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा क्यों कहलाता है?
A. क्योंकि यह सबसे
विस्तृत और written constitution है।
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