भारत के प्रमुख पठार (Plateaus of India)
🏞️ पठार क्या होता है?
पठार वह स्थलरूप होता है जो ऊँचाई पर स्थित समतल या थोड़ी ऊबड़-खाबड़ जमीन होती है। इसे “मेज़ के आकार का भू-भाग” भी कहा जाता है। पठारों की ऊँचाई पर्वतों से कम और मैदानों से अधिक होती है।
भारत के पठार भूगोल, खनिज संसाधन, वन, नदियाँ और कृषि की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
🌍 भारत के प्रमुख पठार:
1️ दक्कन पठार (Deccan Plateau)
· स्थान: भारत का दक्षिणी भाग – महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु।
· विशेषता:
o यह भारत का सबसे बड़ा पठार है।
o यह त्रिभुजाकार (triangular) आकार का है।
o उत्तर में सतपुड़ा और विंध्याचल, पश्चिम में पश्चिमी घाट, और पूर्व में पूर्वी घाट हैं।
o इसमें काले कपास वाले रेगुर मृदा पाई जाती है, जो कपास की खेती के लिए उपयुक्त है।
· प्रमुख नदियाँ:
o गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, भीमा, तुंगभद्रा
· महत्व:
o यह क्षेत्र खनिजों से समृद्ध है – लौह अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट।
o
यहाँ
के पठारी क्षेत्र विद्युत
उत्पादन,
कृषि, और वनों के लिए प्रसिद्ध
हैं।
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2️ छोटा नागपुर पठार (Chotanagpur Plateau)
· स्थान: झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़।
· विशेषता:
o इसे "भारत का रूह" (Rurh of India)" कहा जाता है क्योंकि यहाँ बहुत अधिक खनिज भंडार हैं।
o यह पठार मुख्यतः ग्रेनाइट और गनीस चट्टानों से बना है।
· प्रमुख नदियाँ:
o स्वर्णरेखा, दामोदर, बराकर
· महत्व:
o कोयला, लौह अयस्क, यूरेनियम, बॉक्साइट, तांबा आदि खनिज पाए जाते हैं।
o भारत के कई इस्पात संयंत्र (Steel Plants) यहीं स्थित हैं जैसे – बोकारो, रांची, जमशेदपुर।
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3️
मालवा पठार (Malwa Plateau)
· स्थान: मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग और राजस्थान के कुछ हिस्सों में।
· विशेषता:
o यह लावा से बनी भूमि है।
o यहाँ की मिट्टी उपजाऊ है, खासकर सोयाबीन और गेंहूं की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
o यहाँ से चंबल, कालीसिंध, शिप्रा आदि नदियाँ निकलती हैं।
· महत्व:
o कृषि और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र – उज्जैन, इंदौर, मांडू।
4️ बुंदेलखंड पठार (Bundelkhand Plateau)
· स्थान: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में।
· विशेषता:
o यहाँ की जमीन चट्टानी और कम उपजाऊ है।
o यह क्षेत्र सूखा प्रभावित होता है।
· नदियाँ:
o केन, बेतवा, धसान
· महत्व:
o ऐतिहासिक दृष्टि से यह क्षेत्र वीरता और संघर्षों का केंद्र रहा है।
5️ बघेलखंड पठार (Baghelkhand Plateau)
· स्थान: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच स्थित क्षेत्र।
· विशेषता:
o यह पठार छोटा नागपुर और बुंदेलखंड के बीच स्थित है।
o
इसमें
कई छोटी-छोटी नदियाँ
बहती हैं जो गंगा
की सहायक हैं।
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6️ कर्नाटक पठार (Karnataka Plateau / Mysore Plateau)
· स्थान: कर्नाटक राज्य।
· विशेषता:
o यह पठार पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के बीच स्थित है।
o यहाँ की नदियाँ – कावेरी, तुंगभद्रा, शरावती।
o यहाँ शरावती नदी पर जोग जलप्रपात स्थित है – भारत के प्रमुख जलप्रपातों में से एक।
· महत्व:
o कॉफी उत्पादन, जैव विविधता, खनिज, और जलविद्युत के लिए प्रसिद्ध।
7️ रायसीना पठार और दिल्ली रिज (Raisina Hill & Delhi Ridge)
· स्थान: दिल्ली।
· विशेषता:
o यह एक छोटा पठारी क्षेत्र है।
o भारत सरकार की अनेक प्रमुख इमारतें (राष्ट्रपति भवन, संसद भवन) यहीं स्थित हैं।
🗺️ पठारी क्षेत्रों से संबंधित प्रमुख जलप्रपात
|
जलप्रपात |
नदी |
स्थान |
|
जोग जलप्रपात |
शरावती |
कर्नाटक |
|
हुंडरु जलप्रपात |
स्वर्णरेखा |
झारखंड |
|
दशम जलप्रपात |
कांची |
झारखंड |
|
चित्रकूट जलप्रपात |
इंद्रावती |
छत्तीसगढ़ |
|
दुधसागर जलप्रपात |
मांडवी |
गोवा |
प्रतियोगी
परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण
प्रश्न:
|
प्रश्न |
उत्तर |
|
भारत का सबसे बड़ा पठार कौन-सा है? |
दक्कन पठार |
|
भारत का खनिज भंडार कहा जाता है? |
छोटा नागपुर पठार |
|
सोयाबीन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध पठार? |
मालवा पठार |
|
काले मिट्टी वाला पठार? |
दक्कन पठार |
|
कोयला और लौह अयस्क कहाँ पाया जाता है? |
झारखंड (छोटा नागपुर) |
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🌿 पठारों का प्रभाव (जलवायु, कृषि, पारिस्थितिकी, खनिज)
🌦️ 1. जलवायु पर प्रभाव (Impact on Climate)
पठारों का जलवायु पर प्रभाव:
· पठारी क्षेत्र ऊँचाई के कारण अक्सर मध्यम जलवायु (moderate climate) वाले होते हैं।
· जैसे: मैसूर पठार में गर्मियों में तापमान ज्यादा नहीं होता।
🌾 2. कृषि पर प्रभाव (Impact on Agriculture)
पठारी क्षेत्रों में:
· रेगुर मृदा (काली मिट्टी) जैसे दक्कन पठार में – कपास उत्पादन के लिए प्रसिद्ध।
· लाल मिट्टी – मध्य भारत में आम है, कम उपजाऊ लेकिन धान और मोटे अनाज उगाए जाते हैं।
3. खनिज संसाधनों पर प्रभाव (Mineral Resources)
पठारी क्षेत्र खनिजों का खजाना होते हैं:
|
पठार |
प्रमुख खनिज |
|
छोटा नागपुर |
कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, मैगनीज |
|
दक्कन पठार |
यूरेनियम, तांबा, डोलोमाइट |
|
कर्नाटक पठार |
सोना (कोलार खदानें), लौह अयस्क |
|
मालवा पठार |
चूना पत्थर, मैगनीज |
भारत के पठार न केवल इसके भौगोलिक
स्वरूप को विविध
बनाते हैं, बल्कि
यह देश के जलवायु
नियंत्रण,
कृषि,
खनिज
संसाधन,
जैव
विविधता,
और आर्थिक विकास में अत्यंत
महत्वपूर्ण भूमिका निभाते
हैं।
दक्कन, छोटा
नागपुर,
और कर्नाटक
जैसे पठार भारत की
खनिज
शक्ति
और औद्योगिक
आधार
हैं।
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