शनिवार, 5 जुलाई 2025

Supreme Court of India in Hindi, सुप्रीम कोर्ट :संरचना, नियुक्ति, वेतन और शक्तियाँ | For UPSC, SSC, RAILWAY Exam (Theory & MCQ).

भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India): 

परिचय (Introduction)

भारत का सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) न केवल देश की न्यायिक प्रणाली का सबसे ऊपरी स्तर है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और संविधान का प्रहरी भी है। यह न्यायपालिका का शीर्षतम अंग है, जिसकी स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी। सुप्रीम कोर्ट न केवल नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है बल्कि सरकार के कार्यों की वैधानिकता की भी समीक्षा करता है।

 

Supreme Court of India in Hindi, सुप्रीम कोर्ट :संरचना, नियुक्ति, वेतन और शक्तियाँ



1. संरचना और नियुक्ति (Structure and Appointment)

भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India - CJI) और अधिकतम 33 अन्य न्यायाधीश होते हैं। कुल मिलाकर इसमें 34 न्यायाधीशों की व्यवस्था की गई है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया:

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

  • मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर होती है।

  • अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश पर होती है। कोलेजियम में मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश होते हैं।


2. अहर्ताएं, शपथ और वेतन (Eligibility, Oath & Salary)

अहर्ताएं (Eligibility): अनुच्छेद 124(3) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित योग्यताएँ पूरी करनी होती हैं:

  • भारत का नागरिक होना चाहिए।

  • किसी उच्च न्यायालय में कम से कम 5 वर्षों तक न्यायाधीश रहा हो, या

  • उच्च न्यायालय में 10 वर्षों तक अधिवक्ता रहा हो, या

  • राष्ट्रपति की दृष्टि में वह एक विशिष्ट विधिवेत्ता हो।


शपथ (Oath): न्यायाधीश कार्यभार संभालने से पूर्व भारत के राष्ट्रपति के समक्ष शपथ ग्रहण करते हैं। शपथ में वे संविधान के प्रति निष्ठा, अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन, और निष्पक्ष न्याय की प्रतिज्ञा करते हैं।


वेतन (Salary):

  • वर्तमान में (2025 तक) सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ₹2.80 लाख प्रतिमाह और अन्य न्यायाधीशों को ₹2.50 लाख प्रतिमाह वेतन मिलता है।

  • इसके अलावा उन्हें आवास, वाहन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।


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3. कार्यकाल और निष्कासन (Tenure and Removal)

कार्यकाल:

  • सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक पद पर बने रह सकते हैं।

  • वे कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व स्वेच्छा से त्यागपत्र दे सकते हैं।

निष्कासन (Removal):

  • सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को केवल महाभियोग (Impeachment) द्वारा हटाया जा सकता है।

  • अनुच्छेद 124(4) के अनुसार, संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित होने पर न्यायाधीश को हटाया जा सकता है।

  • इसके लिए “The Judges (Inquiry) Act, 1968” लागू होता है।


4. कार्यकारी, तदर्थ और सेवानिवृत्त न्यायाधीश (Acting, Ad-hoc and Retired Judges)

कार्यकारी न्यायाधीश (Acting Judge): यदि मुख्य न्यायाधीश अस्थायी रूप से अनुपस्थित हों, तो राष्ट्रपति किसी अन्य न्यायाधीश को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर सकते हैं।

तदर्थ न्यायाधीश (Ad-hoc Judge): संविधान के अनुच्छेद 127 के अंतर्गत, यदि सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या पर्याप्त न हो, तो मुख्य न्यायाधीश किसी उच्च न्यायालय के योग्य न्यायाधीश को तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर सकते हैं।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश (Retired Judge): संविधान के अनुच्छेद 128 के तहत, कोई भी सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट की सहमति से न्यायिक कार्य में भाग ले सकता है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश द्वारा लिया जाता है।


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5. स्थान और प्रक्रिया (Location and Procedure)

स्थान:

  • सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली में स्थित है। इसका भवन संसद मार्ग के पास, राजपथ के नजदीक स्थित है।

  • इसकी वास्तुकला भव्य और प्रतीकात्मक है, जो न्याय और संविधान के सम्मान को दर्शाती है।

कार्यवाही की प्रक्रिया:

  • कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में होती है।

  • मामले के महत्व के अनुसार बेंच का गठन होता है – जैसे एकल बेंच, डिवीजन बेंच (2 न्यायाधीश), या संविधान पीठ (5 या अधिक न्यायाधीश)।

  • अब e-filing, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग जैसी तकनीकों का भी उपयोग हो रहा है।


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6. उच्चतम न्यायालय की स्वतंत्रता (Independence of the Supreme Court)

न्यायिक स्वतंत्रता के उपाय:

  • न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया कोलेजियम प्रणाली द्वारा नियंत्रित है।

  • न्यायाधीशों को कार्यकाल के दौरान हटाया नहीं जा सकता (जब तक महाभियोग न हो)।

  • उनका वेतन संसद द्वारा कम नहीं किया जा सकता।

  • न्यायिक कार्यों में कार्यपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं होता।

न्यायिक समीक्षा (Judicial Review):

  • सुप्रीम कोर्ट संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून की वैधता की समीक्षा कर सकता है।

  • यह संविधान की मूल संरचना सिद्धांत की रक्षा करता है।


7. उच्चतम न्यायालय की शक्तियाँ एवं क्षेत्राधिकार (Powers and Jurisdiction)

1. मूल अधिकारिता (Original Jurisdiction):

  • अनुच्छेद 131 के तहत राज्यों के बीच या राज्य और केंद्र के बीच विवादों में सुनवाई।

2. अपीलीय अधिकारिता (Appellate Jurisdiction):

  • अनुच्छेद 132-134 के तहत उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील की सुनवाई।

3. सलाहकार अधिकारिता (Advisory Jurisdiction):

  • अनुच्छेद 143 के अंतर्गत राष्ट्रपति कानूनी सलाह हेतु सुप्रीम कोर्ट से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

4. रिट अधिकारिता (Writ Jurisdiction):

  • अनुच्छेद 32 के तहत मौलिक अधिकारों की रक्षा हेतु रिट जारी करने की शक्ति।

5. संवैधानिक अधिकारिता (Constitutional Jurisdiction):

  • संविधान की व्याख्या और अनुच्छेदों की वैधता की पुष्टि करने की शक्ति।

6. जनहित याचिका (Public Interest Litigation):

  • किसी भी नागरिक द्वारा जनहित में याचिका दाखिल की जा सकती है।


    सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले (Landmark Judgements)

    1. केशवानंद भारती केस (1973)

    इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने "संविधान की मूल संरचना" (Basic Structure Doctrine) की अवधारणा प्रस्तुत की, जो भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संरक्षित करता है।

    2. मंजू देवी बनाम राज्य

    इस फैसले में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा पर जोर दिया गया।

    3. शायरा बानो बनाम भारत सरकार

    इसमें तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया गया.


निष्कर्ष (Conclusion): भारत का सर्वोच्च न्यायालय लोकतंत्र का एक सशक्त स्तंभ है। यह केवल न्याय वितरण की संस्था नहीं, बल्कि संविधान का संरक्षक, नागरिकों के अधिकारों का रक्षक, और विधायिका तथा कार्यपालिका के कार्यों का नियंत्रक भी है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए विद्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी सभी जानकारियों का गहन अध्ययन करना चाहिए।


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